Moral story in hindi
नसीब की चाबी
namaskar dosto aaj ki kahani ma ham dekhenge kese parishram ka fal hamare nasib ki chabi hoti hai. kahani bahut hi dilchasp hai . kahani ko ache se padhe .
इस कहानी में हम इस सवाल का जवाब भी मिलेगा की " क्या हमें अपनी नसीब पर भरोसा करना चाहिए या अपनी मेहनत पर?"
इस कहानी में हम इस सवाल का जवाब भी मिलेगा की " क्या हमें अपनी नसीब पर भरोसा करना चाहिए या अपनी मेहनत पर?"
नसीब की चाबी - parishram ka fal
एक बार की बात है। एक गांव में एक आदमी रहता था। वह बहुत ही मेहनती था। वह पैसा कमाने के लिए बहुत मेहनत करता था। परंतु वह जितनी मेहनत करता था उतना वह कमा नहीं पाता था। फिर भी वह मेहनत करना नहीं छोड़ता था। यह देख भगवान शिव की पत्नी पार्वती जी दुखी हो जाती है। पार्वती जी शिवजी से कहती है कि ,"क्या आप उसकी मदद नहीं कर सकते?", शिव जी पार्वती जी को कहते हैं कि ,"इसकी नसीब में जब लिखा होगा तब इसे मिल जाएगा।", तो पार्वती जी कहती है ,"यह मेहनत भी तो कर रहा है इसे कुछ तो देना ही चाहिए।," तो शिव जी कहते हैं कि ,"जब इसका समय आएगा तब इसे मिल जाएगा मैं चाह कर भी समय से पहले नहीं दे सकता।," तो पार्वती जी कहती है की ,"कोशिश तो करके देखिए।", शिवजी के समझाने के बावजूद पार्वती जी बहुत जिद कर रही थी। फिर शिव जी को मानना ही पड़ा।जब वह आदमी काम के लिए जा रहा था। तब शिव जी अपने जादू से उस आदमी के रास्ते में सोने के सिक्कों से भरी एक पोटली रख देते हैं उस पोटली पर यह भी लिख देते है की "जो भी इस पोटली को पहले उठाएगा इसमें रखा धन उसी का हो जायगा"। तो अचानक आदमी के मन में ख्याल आता है कि ,"क्या मैं आंखें बंद करके चल सकता हूं?", तो वह आंखें बंद करके चलने लगा। और वह सोने के सिक्कों से भरी पोटली पीछे रह जाती है और वह आदमी आगे चला जाता है। यह देख शिव जी पार्वती जी से कहते हैं ,"मैंने तो पहले ही कहा था। जब उसका समय आएगा तब उसे अपने आप ही मिल जाएगा।", कुछ दिनों बाद भी वह आदमी ज्यादा कुछ नहीं कमा पाया। फिर पार्वती जी शिवजी को कहती है कि ,"आप एक बार दोबारा कोशिश कीजिए। क्या पता इस आदमी का समय अब आ गया हो।", शिव जी कहते हैं ,"ठीक है एक बार और कोशिश कर लेते हैं।", जब वह आदमी अपना काम करने जा रहा था तब उसके रास्ते में शिव जी ने वही पोटली दुबारा रख दी। और इस बार उस आदमी को वह पोटली दिख गई। और उस आदमी ने उस पोटली को उठा भी लिया| और वह उसे घर ले गया। जब वह घर जाता है तो वह पोटली की बात अपनी मां को बताता है। तो मां कहती है कि ,"रख लो। अगर किसी का होगा तो हम उसे लौटा देंगे।", इसके बाद वह आदमी अपने घर में सो जाता है। जब वह आदमी सोकर उठता है तभी वह देखता है कि उसके घर के आंगन मैं बहुत सारा दूध और पतासी बाल्टी और कटोरियों में रखा हुआ है। तो वह अपनी मां से पूछता है कि ,"यह सब कहां से आया?", तो उसकी मां कहती है कि ,"अचानक दूध और पतासी की बारिश होने लगी। तो मैंने इन्हें इकट्ठा कर लिया।", यह सुन वह आदमी बहुत ही हैरान हो गया। कुछ दिनों बाद। पुलिस उस आदमी के घर पर आती है। और उससे पूछती है कि ,"क्या तुम कहीं से सोने के सिक्कों से भरी पोटली उठा कर ले आए थे?", आदमी मुस्कुराते हुए कहता है ,"हां मैं लेकर आया था।", तो पुलिस ने पूछा ,"कब?", तो आदमी कहता है ,"जिस दिन दूध और पतासे की बारिश हुई थी।", तो पुलिस को लगा वह मजाक कर रहा है। पुलिस उस आदमी को पहले से ही जानती थी। और वह आदमी झूठ नहीं बोलता था। और फिर पुलिस वहां से चली जाती है। तो शिव जी पारवती जी से कहते हैं कि ,"इस बार उसका समय आ गया था इसलिए उसे धन मिल गया।", तो पार्वती जी शिवजी से कहती है ,"तो क्या हमें मेहनत से ज्यादा अपनी किस्मत पर भरोसा रखना चाहिए?", शिव जी कहते हैं," हमारी किस्मत के धन की चाबी हमारी मेहनत है।", पार्वती जी पूछती है ,"मतलब आप क्या कहना चाहते हैं?", तो शिवजी कहते हैं ,"हमारे किस्मत में कितना भी धन लिखा हो उसे पाने के लिए हमें मेहनत करनी ही पड़ेगी। बिना मेहनत और ईमानदारी के तुम्हें अपने नसीब का एक दाना भी नहीं मिल सकता।",आपको यह कहानी कैसी लगि ? नीचे कमेंट करके बताएं। और अगर आप किसी भी तरह की कहानी चाहते हैं हिंदी या इंग्लिश भाषा में तो आप नीचे कमेंट करके हमें कहानी के लिए बता सकते हैं स्टोरी दुनिआ आपको हर तरह की कहानी प्रस्तुत करेंगा ।
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