Good friends
अच्छे दोस्त
नमस्कार दोस्तों, आज हम दो दोस्तों की कहानी पढ़ेंगे जिसमें दो बहुत अच्छे दोस्त अलग हो जाते हैं और किस तरह से वह दोबारा दोस्त बन जाते हैं.
यह कहानी अंग्रेजी मई भी उपलब्ध है।
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अच्छे दोस्त
यह कहानी दो दोस्तों की है जिनका नाम है अभिनव और गौरव .वह दोनों ही 5 साल की उम्र से ही एक ही विद्यालय में पढ़ते है और बहुत अच्छे दोस्त थे. वह विद्यालय साथ जाते थ, साथ पढ़ते थे और साथ घर आते थे.
वे दोनों एक दूसरे को बहुत अच्छा दोस्त मानते थे।एक बार गौरव के पिताजी का ट्रांसफर हो गया था जिस वजह से गौरव को दूसरे विद्यालय में दाखिला कराना पड़ा।दोनों दोस्तों का मन पसंद क्रिकेट था। और वह दोनों अच्छा खेलते थे। वे दोनों अपनी अपनी स्कूल की किकेट टीम में भी थे। सहयोग से एक बार दोनों के स्कूल की टीम का मैच हुआ जिसमे वे दोनों दोस्त भी थे। परन्तु आमने सामने की टीम में थे। क्रिकेट का खेल बहुत अच्छा चल रहा था , गौरव बैटिंग पर था, गौरव अच्छा खेल रहा था गौरव ने 99 रन बना लिए थे और शतक बनाने के लिए सिर्फ 1 रन बाकी था।गौरव चाहता था कि वह शतक पूरा करें।
फिर, अगली गेंद आती है और गौरव गेंद को बल्ले से तेजी से मारता है और गेंद सीधा अभिनव के हाथ में ही रूकती है. और गौरव आउट हो जाता है.
गौरव के आउट होते ही वह बहुत निराश हो जाता है और उसे लगता है की अभिनव उसे शतक बनाते हुए नहीं देखना चाहता था और वह अपनी दोस्ती को भूल चुका है .मैच खत्म होते ही गौरव अभिनव के पास जाकर गुस्से में कहता है कि क्या तुम अपनी दोस्ती भूल चुके हो मुझे तो लगा था कि तुम बहुत अच्छे दोस्त हो और तुमने मेरा भरोसा तोड़ दिया क्या तुम मुझे शतक बनाते हुए नहीं देख सकते।
और फिर गौरव दोस्ती तोड़ कर चला जाता है।
सालों बाद भी गौरव और अभिनव अपनी दोस्ती को नहीं भूले थे और गौरव अब भी अभिनव से रूठा हुआ था।
किस्मत ने उन्हें दुबारा एक दूसरे के विरुद्ध दौड़ की प्रतियोगिता में हिस्सा दिलवाया।
प्रतियोगिता की 1 दिन पहले , रात के समय । जब सारे प्रतियोगी अपने अपने कमरे में सो चुके थे।
गौरव अभिनव से गुस्सा था और उसने अपना बदला लेने के लिए प्रतियोगिता में प्रयोग करने वाले अभिनव के जूते चुपचाप कचरे में फेंक दिए।
अगले दिन जब अभिनव को अपने जूते नहीं मिल रहे होते हैं तो वह बहुत परेशान हो जाता है और अपने जूतों के लिए दूसरे प्रतियोगियों से भी पूछता है परंतु अब नहीं मिलता है।और वह प्रतियोगिता में भाग नहीं लेता है।
प्रतियोगिता के समय, अभिनव दर्शकों में बैठता हैं क्योंकि वह जूते की कमी के कारण प्रतियोगिता में भाग नहीं ले सकता हैं।प्रतियोगिता शुरू होती है और सभी प्रतियोगी दौड़ने लगते हैं .गौरव सबसे पीछे दौड़ रहा होता है और तभी उसकी नजर दर्शकों में बैठे अभिनव पर पड़ती है जो गौरव का नाम लेकर गौरव को बढ़ावा दे रहा होता है।
अभिनव को देख गौरव का उत्साह बढ़ जाता है और प्रतियोगिता जीतने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा देता है और आखिर में गौरव की ही जीत होती है.जब गौरव जीत जाता है तो अभिनव दौड़ता हुआ गौरव के पास जाता है और खुशी से गौरव को प्रतियोगिता जीतने की बधाई देता है।यह देख गौरव को लगता है कि गौरव ने दोस्ती तोड़ कर बहुत बड़ी गलती करी थ।
और फिर यह दोनों दोबारा दोस्त बन गए थे।
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2 comments:
Nice story!!!
true friend !!!
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