Moral story in hindi
धार्मिक राजा
नमस्कार दोस्तों आज की कहाने में हम देखेंगे कि सिर्फ बुरा विचार करने से ही हमारी सारी अच्छाई छुप जाती है और परिणाम अच्छे नहीं होते।
धार्मिक राजा
एक बार की बात है एक गरीब ब्राह्मण अपनी छोटी सी कुटिया में उदास होकर बैठा था। तभी उसकी बेटी आई और उसकी उदासी का कारण पूछा। उस गरीब ब्राह्मण की बेटी बहुत ही विद्वान और समझदार भी थी।गरीब ब्रह्मण बोला की ,"बेटी हमारे पास खाने-पीने के लिए कुछ भी नहीं है और पैसे भी नहीं है। खाने का सामान कहां से आएगा यह सोचकर मैं उदास हूं।", तभी उसकी बेटी बोली ,"बस इतनी सी बात आप एक काम कीजिए राजा जी के पास जाइए और उनसे कहिए 'धर्म की जड़ सदा हरी।' ", ब्राह्मण उसी समय राजा विक्रमादित्य के पास गया। राजा विक्रमादित्य बहुत दयालु और दानवीर राजा थे। ब्राह्मण राज महल पहुंचकर राजा से मिला और उनसे कहता है ,"धर्म की जड़ सदा हरी",। यह बात सुनकर राजा ने उसे एक स्वर्ण मुद्रा दे दी। और वह ब्राह्मण इसी तरह रोजाना राजमहल जाकर एक स्वर्ण मुद्रा ले आता था। यह सब देखकर उस गरीब ब्राह्मण के पड़ोसी ब्राह्मण को बहुत ईर्ष्या हुई। और वह राजा जी के पास जा कर उस गरीब ब्राह्मण की चुगली करने लगा। उसने राजा जी को कहा कि ,"राजा जी उस गरीब ब्राह्मण की बातों में मत आइए। राजा जी आप उसे कहिये की ,"धर्म की जड़ सदा हरी", का मतलब साबित करके दिखाय? अगर वह इसका जवाब ना दे पाए तो उसे आप स्वर्ण मुद्रा मत दीजिएगा।," अगले दिन जब ब्राह्मण स्वर्ण मुद्रा लेने आया तब राजा को फिर वही कहा और राजा ने मुद्रा देने से पहले कहा कि ,"ब्राह्मण 'धर्म की जड़ सदा हरी' का क्या मतलब सिद्ध करो ," ब्राह्मण ने कहा महाराज यह साबित करने के लिए मुझे 1 दिन की मोहलत चाहिए। अरे राजा ने उसे 1 दिन की मोहलत दे दी। ब्राह्मण अपने घर पर उदास होकर बैठ गया। तभी उसकी बेटी आई और उसकी उदासी का कारण पूछा। ब्राह्मण ने उसे सारी बात बता दी। तभी उसकी बेटी बोली कि आप राजा जी से बोलिए कि वह उनके सिंहासन के बगल में खुदाई करवाएं जब तक कि उसमें से एक उड़न खटोला ना मिले। ब्राह्मण ने ऐसा ही किया उसने राजा जी को सारी बात बताइए और राजा जी ने मान ली। जब राजा जी ने खुदाई करवाई तो सच में एक उड़न खटोला निकला और उड़न खटोला बोलने भी लगा। उड़न खटोले ने राजा से कहा कि आइए राजा जी मुझ पर बैठ जाइए। जैसे ही राजा उस उड़न खटोले पर बैठे वैसे ही उड़न खटोला उड़ने लगा। और उड़ते उड़ते स्वर्ग पहुंच गया। वहां पर राजा ने देखा कि उसके स्वर्गीय माता पिता एक बहुत बड़े महल में झूले पर झूल रहे हैं। महल के बाहर गायों का शुद्ध दूध निकल कर उनके माता-पिता को पिलाया जा रहा है और उनकी पूरी सेवा की जा रही है। यह सब देखकर राजा जी बहुत प्रसन्न हुए और उन्होंने उड़न खटोले से पूछा कि यह सुख इन दोनों को क्यों मिल रहा है? उड़न खटोले ने कहा उनके बेटे के अच्छे कर्मों के फलस्वरूप उन्हें यह सब मिल रहा है | और फिर उड़न खटोला राजा जी को वापस पृथ्वी पर ले आया। पृथ्वी पर पहुंचते ही राजा जी ने गरीब ब्राह्मण को एक स्वर्ण मुद्रा देगी। यह सब देखकर पड़ोसी ब्राह्मण उस गरीब ब्राह्मण से और भी ज्यादा जलने लगा। और यह सोचने लगा कि उसे उस उड़न खटोले के बारे में कैसे पता चला? तभी उसे पता चला कि उस गरीब ब्राह्मण की बेटी बहुत ही विद्वान और बुद्धिमान है जरूर उसी ने ही उस गरीब ब्राह्मण को इस उड़न खटोले के बारे में बताया होगा। तो वह महाराज को जाकर कहता है कि ,"वह गरीब ब्राह्मण जो कुछ भी आपको बताता है वह सब उसकी बेटी उसे बताती है मेरा सुझाव है कि आप उसकी बेटी से विवाह कर लीजिए तो आपको किसी भी मुसीबत में परेशानी नहीं होगी।," राजा उस पड़ोसी ब्राह्मण की बातों में आ जाता है और अगले दिन जब गरीब ब्राह्मण स्वर्ण मुद्रिका लेने आया तो महाराज उसे स्वर्ण मुद्रिका देते हुए कहते हैं कि," मुझे तुम्हारी बेटी से शादी करनी है।," तो ब्राह्मण कहता है कि ," महाराज वह तो आपकी बेटी की उम्र की है आपका और मेरी बेटी का विवाह कैसे हो सकता है?." तभी महाराज बोलते हैं कि ,"यह मेरा आदेश है तुम्हें इसका पालन करना होगा।," तो गरीब ब्राह्मण एक बार फिर अपनी कुटिया में उदास होकर बैठ गया। उसकी बेटी फिर से पूछती है कि ,"पिताजी आप इतने उदास क्यों बैठे हैं?," तो गरीब ब्राह्मण कहता है कि ,"महाराज तुमसे विवाह करने की जिद पर अड़े हैं। मैं उन्हें नहीं समझा सका।," तो गरीब ब्राह्मण की बेटी कहती है कि ,"आप राजा जी को कहे कि मै उनसे विवाह करने के लिए तैयार हूं परंतु उन्हें कहिए कि एक बार फिर उड़न खटोले पर बैठकर सेर करके आइए। उसके बाद मैं उनसे विवाह कर लूंगी।," गरीब ब्राह्मण अगले दिन महाराज को ऐसा ही कहता है और महाराज उड़न खटोले में बैठ जाते हैं। इस बार वह उड़न खटोला उन्हें नर्क की ओर ले गया। महाराजा ने देखा कि उनके माता-पिता को नीचे गिरा कर मारा जा रहा था। और गायों को भी भगा दिया जा रहा था और उस आलीशान महल को तबाह कर दिया जा रहा था। यह सब देखकर राजा चौक गया और उड़न खटोले से पूछा कि ,"यह सब क्यों हो रहा है?,"उड़न खटोले ने काहा की यह सब इसलिए हो रहा है क्योंकि इनके बेटे के दिमाग में एक ऐसा विचार आया है जो गलत है और उस विचार से किसी दूसरे को तकलीफ हो सकती है।," फ़िरे उड़न खटोला राजा को धरती पर ले आया। जब राजा पृथ्वी पर पहुंचा तब वह बहुत ही दुखी था। और उसे बहुत दुख भी हो रहा था। राजा को अपनी गलती का एहसास हुआ उसने ब्राह्मण की बेटी से विवाह करने का विचार त्याग दिया। और महाराज ने गरीब ब्राह्मण को बुलाकर उससे माफी मांगी। महाराज ने इस गरीब ब्राह्मण की बेटी की बुद्धिमानी से प्रसन्न होकर उसे बहुत सारा इनाम भी दिया और उस गरीब ब्राह्मण को आधा राज्य सौंप दिया। इसी तरह है गरीब ब्राह्मण बहुत अमीर हो गया था और सारी जिंदगी राजा बनकर बिताई।
आपको यह कहानी कैसी लगि ? नीचे कमेंट करके बताएं। और अगर आप किसी भी तरह की कहानी चाहते हैं हिंदी या इंग्लिश भाषा में तो आप नीचे कमेंट करके हमें कहानी के लिए बता सकते हैं स्टोरी दुनिआ आपको हर तरह की कहानी प्रस्तुत करेंगा ।
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